सोमवार, 22 जुलाई 2019

सावन में महिलाओं के हाथ में हरी चूड़ियां

धर्म : धार्मिक लिहाज से सावन का महीना तो काफी महत्वपूर्ण है ही साथ ही वैज्ञानिक और प्रेम के दृष्टिकोण से भी ये माह काफी मायने रखता है, इस वक्त आकाश से बारिश होती है, जिससे धरती पर शीतलता रहती है, चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है जो कि आंखों और दिल को सकून देते हैं, इस महीने में एक और खास बात देखने को मिलती है और वो है महिलाओं और लड़कियों का हरा श्रृंगार, इस दौरान महिलाएं हाथों में मेंहदी रचाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं और हरे वस्त्र धारण करती हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर सावन के महीने में महिलाएं हरी चूड़ियां या हरा वस्त्र क्यों पहनती हैं। हरा रंग प्रेम और खुशी का प्रतीक हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है दरअसल हरा रंग प्रेम और खुशी का प्रतीक माना जाता है और इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग के श्रृंगार से भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं और अपनी खुशी का इजहार करती हैं। हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है इसलिए इस माह बहुत से लोग हरे रंग का कपड़ा पहनना पसंद करते हैं।
हरा रंग शिव को प्रिय है और उन्हें खुश करने के लिए हरी चूड़ियां या हरा वस्त्र पहना जाता है और हाथों में मेंहदी लगाई जाती है, जिससे महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिले। बुद्ध ग्रह का रंग बुद्ध ग्रह का रंग माना जाता है हरा रंग, इंसान की कामयाबी के लिए उसका करियर में सफल होना बहुत जरूरी है और इसके लिए बुद्ध ग्रह को खुश करने के लिए हरे रंग का श्रृंगार किया जाता है। चूड़ियों का महत्व चूड़ियां तो मन की चंचलता को दर्शाती हैं तो कंगना मातृत्व की ललक उत्पन्न करता हैं। इसलिए कंगन दुल्हनों का श्रृंगार है जब कि चूंड़ियां कुमारी कन्याएं भी पहनती हैं। हमारे साहित्यकारों ने भी इस श्रृंगार के बारे में इतना कुछ लिख दिया है जिसके बारे में बात करना बेहद कठिन हैं। 

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