गुरुवार, 25 जुलाई 2019

सफलता का सूत्र बन सकती हैं देवगुरु की नीतियां

ज्योतिष : बृहस्पति ने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो हर किसी के लिए बहुत काम की साबित हो सकती हैं। बृहस्पति ने इन ऐसे नीतियों का वर्णन किया है, जो किसी भी मनुष्य को सफलता की राह पर ले जा सकती हैं। देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। महाभारत के आदिपर्व के अनुसार बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र हैं। ये अपने ज्ञान से देवताओं को उनका यज्ञ भाग या हवि प्राप्त करा देते हैं। असुर एवं दैत्य यज्ञ में विघ्न डालकर देवताओं को क्षीण कर हराने का प्रयास करते रहते हैं। इसी का उपाय देवगुरु बृहस्पति रक्षोघ्र मंत्रों का प्रयोग कर देवताओं का पोषण एवं रक्षण करने में करते हैं तथा दैत्यों से देवताओं की रक्षा करते हैं।
- देवानां च ऋषीणां च गुरुं का चनसन्निभम।
- बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम।
- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
- ऊं बृं बृहस्पतये नम:। और
- ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।

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