मंगलवार, 6 अगस्त 2019

बच्चे को काजल लगाते समय सावधानी जरूरी

जीवनशैली : बच्चे को बुरी नजर से बचाने के लिए उसके आंखों में काजल लगाया जाता है। भारत के सभी गांव, शहरों और यहां तक कि महानगरों में आज भी यह रिवाज पूरे शौक से निभाया जाता है, लेकिन स्वाल यह उठता है कि क्या ऐसा करना सही है? आंखें शरीर का सबसे कोमल अंग होती हैं, ऐसे में नन्हें बच्चे की आंखों में काजल लगाना क्या ठीक रहेगा? यदि दादी, नानी की सलाह मानें तो बेशक काजल ही वह रामबाण औषधि है जो आपके शिशु को सारी बीमारियों और तकलीफ से बचाता है इसलिए आखों में जितना ज्यादा काजल होगा शिशु की आंखें उतनी ही तेज तर्रार और सुंदर दिखेंगी, लेकिन डाक्टरों की राय इसके बिल्कुल उलट है और आंखों में काजल लगाना शिशु के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। काजल के इस्तेमाल से नवजात शिशु की आंखों से लगातार पानी आने की शिकायत हो सकती है। 
आखों में खुजली के साथ एलर्जी भी हो सकती है। शिशु की आंखों में काजल लगाने पर उसकी आखों के किनारे यदि ठीक से न साफ किए जाएं तो यह उन किनारों पर जमा हो जाता है जिससे संक्रमण होने का खतरा रहता है। हमारी आखों के बीच का हिस्सा नाजुक होता है इसलिए आखों में धूल-मिट्टी और गंदगी जाने यह चीजें बड़ी जल्दी आखों पर असर करती हैं और यह शिशु की आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है। यदि आप डॉक्टरों की इन बातों से सहमत हैं और फिर भी अपने बच्चे की आंखें काजल से सजाना चाहती हैं तो ऑरगेनिक काजल का इस्तेमाल करें। बाजार में मिलने वाले काजल के बजाय घर में बने काजल का इस्तेमाल करें। बाजार से काजल खरीदने पर ध्यान रहे कि यह किसी अच्छी कंपनी द्वारा बना हुआ हो जिससे इस बनाने में इस्तेमाल चीजों की जानकारी रहे।

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