प्रेरक प्रसंग : गणित और संस्कृत लोकमान्य तिलक के प्रिय विषय थे। स्कूल में जब उनकी परीक्षाएं होतीं, तब गणित के पेपर में तिलक हमेशा कठिन सवालों को हल करना ही पसंद करते थे। लोकमान्य तिलक बचपन से ही बहुत साहसी और निडर थे। एक बार लोकमान्य तिलक के एक मित्र ने कहा कि तुम हमेशा कठिन सवालों को ही क्यों हल करते हो? अगर तुम सरल सवालों को हल करोगे तो तुम्हें परीक्षा में ज्यादा अंक मिलेंगे। इस पर तिलक ने जवाब दिया कि मैं ज्यादा-से-ज्यादा सीखना चाहता हूं इसलिए कठिन सवालों को हल करता हूं। अगर हम हमेशा ऐसे काम ही करते रहेंगे, जो हमें सरल लगते हैं तो हम कभी कुछ नया नहीं सीख पाएंगे। यही बात हमारी जिंदगी पर भी लागू होती है, अगर हम हमेशा आसान विषय, सरल सवाल और साधारण काम की तलाश में लगे रहेंगे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
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